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UDYOGINI LOAN : अब कर्ज लेना भूल जाओगे सरकार की ये नई योजना देगी ₹3 लाख का लोन
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9 months agoon
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Raju SinghUdyogni Loan : दोस्तों अगर आपको पैसों की जरूरत है और आप लोग लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर काट कर थक चुके हो, तो आज मैं आपको भारत सरकार की एक ऐसी योजना बताऊंगा जिसके माध्यम से आपके बिना बैंक जाए 3 लाख रूपये का लोन हाथों-हाथ मिल जाएगा।
साथ ही इस योजना से लोन लेने पर कोई भी गारंटी नहीं मांगेगा अगर कोई आपको लोन देने से मना करता या कोई गारंटी मांगता है तो आप शिकायत भी कर सकते हैं लेकिन उससे पहले आपको बिलकुल सही तरीके से आवेदन करना होगा
उद्योगनी योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है की सभी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनको बिना ब्याज के लोन देकर उनकी मदद करना साथ ही साथ ऐसी महिलाएं जो अपना बिजनेस शुरू करना चाहती है लेकिन पैसों की दिक्कत है तो उन्हें आधार कार्ड से लोन देना।
उद्योगनी योजना के मुख्य फायदे
- इस योजना से केवल महिलाएं या महिला के नाम से लोन ले पाएंगे
- योजना से लोन लेने पर SC & ST की महिलाओं को 50% की सब्सिडी मिलेगी
- सामान्य श्रेणी की महिलाओं को लोन में 30 से 35 परसेंट की सब्सिडी मिलेगी
- अथवा किसी भी श्रेणी की महिला विकलांग या विधवा होने पर उसे 50% की ही सब्सिडी मिलेगी
योजना से लोन लेने के लिए जरूरी दस्तावेज
- आवेदक का आधार कार्ड
- राशन कार्ड / मतदाता पहचान पत्र
- परिवार का वार्षिक आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र ( SC/ST आवेदकों के मामले में )
- जिस गतिविधि के के तहत ऋण मांगा गया है उसके अनुभव से संबंधित प्रमाण पत्र
- 6.आवेदक की 3 पासपोर्ट साइज फोटो
- 7. जिस गतिविधि के लिए लोन लिया जा रहा है उसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
उद्योगिनी योजना की खास जानकारी
लॉन राशि | ₹50,000 से ₹2,00,000 तक |
सब्सिडी | 35% से 50% तक |
आयु सीमा | 18 साल से 55 साल तक |
ब्याज दर | 6% हैं |
प्रोसोसिंग शुल्क | कोई शुल्क ( फी ) नही लगेगी |
लॉन की समय अवधि | 36 महिने है, जिसमे 6 महीने की आधीस्थग अवधि शमिल है |
उद्योगीनी योजना की पात्रता
- आवेदक महिला होनी चाहिए
- आवेदक की पारिवारिक आय सामान्य और विशेष वर्ग की महिलाओं के लिए ₹150000 रुपए से कम होनी चाहिए
- महिला विकलांग या विधवा होने पर कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है
- आवेदक की आयु सभी श्रेणियां के लिए 18 से 55 वर्ष के बीच में होनी चाहिए
- आवेदक को किसी भी वित्तीय संस्थान के पिछले रन पर चूक नहीं करनी चाहिए
आरक्षण / वरीयता / प्राथमिकता
- 1. अत्यंत गरीब, निराश्रित, विधवा और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- 2. इसके अलावा, उन उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जा सकती है जिन्होंने किसी केएसडब्ल्यूडीसी या किसी अन्य विभाग द्वारा पूर्व कौशल विकास प्रशिक्षण या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया हो।
- 3. आवंटित लक्ष्य का लगभग 10% विश्व बैंक-सहायता प्राप्त स्वशक्ति या स्त्री शक्ति समूहों के सदस्यों के आवेदकों को लाभ पहुंचाने के लिए निर्धारित किया गया है।
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन
चरण 1: आवेदक उद्योगिनी योजना के तहत ऋण देने वाले बैंकों की https://udyamimitra.in/#applicant आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सीडीपीओ आवेदनों की जांच करती है और स्पॉट सत्यापन के बाद उन्हें चयन समिति को भेजती है। चयन समिति जांच करती है और ऋण जारी करने के लिए बैंकों को भेजती है।
चरण 2: बैंक/केएसएफसी अधिकारी दस्तावेजों और परियोजना प्रस्ताव का सत्यापन करेंगे और फिर ऋण आवेदन पर कार्रवाई करेंगे। बैंक सब्सिडी जारी करने के लिए निगम को एक अनुरोध पत्र भेजते हैं, और फिर बैंक ऋण राशि जारी करता है।
चरण 3: एक बार ऋण आवेदन स्वीकृत हो जाने के बाद, मशीनरी, उपकरण या किसी अन्य पूंजीगत व्यय के लिए ऋण राशि आवेदक के बैंक खाते में या सीधे आपूर्तिकर्ता के खाते में भेज दी जाती है।
आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन
चरण 1: व्यवसाय ऋण के लिए आवेदन करने के लिए, आवेदक सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ निकटतम बैंक में जा सकता है और बैंक औपचारिकताओं के साथ आगे बढ़ने के लिए एक आवेदन पत्र भर सकता है। आवेदन पत्र उप निदेशक/सीडीपीओ के कार्यालयों और ऋण प्रदान करने वाले बैंकों की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं। वैकल्पिक रूप से, इसे निगम की वेबसाइट www.kswdc.com से डाउनलोड किया जा सकता है।
चरण 2: आवश्यक दस्तावेजों के साथ पूरा आवेदन पत्र निकटतम बैंक / केएसएफसी शाखा में जमा करना होगा। बैंक/केएसएफसी अधिकारी दस्तावेजों और परियोजना प्रस्ताव का सत्यापन करेंगे और फिर ऋण आवेदन पर कार्रवाई करेंगे। बैंक सब्सिडी जारी करने के लिए निगम को एक अनुरोध पत्र भेजते हैं, और फिर बैंक ऋण राशि जारी करता है।
चरण 3: एक बार ऋण आवेदन स्वीकृत हो जाने के बाद, मशीनरी, उपकरण या किसी अन्य पूंजीगत व्यय के लिए ऋण राशि आवेदक के बैंक खाते में या सीधे आपूर्तिकर्ता के खाते में भेज दी जाती है।